बातो ही बातो में उसने पूछा मुझसे शायरी के अलावा और क्या करते हो शायरी तो भरती होगी सिर्फ जख्म दिल के पेट भरने के लिए और क्या करते हो सवाल तो वाजिब था पर मै बात घुमा गया बोला तुम भी अब ओरो सी करते हो और क्या करते हो? विभूति गोण्डवी