अठन्नी चवन्नी चटनी चूरन टॉफी वाले दिन
काश लौट आये फिर से वो बचपन वाले दिन
गोविन्दा मिथुन अनिताब के हम जैसे फैन कहाँ थे
शक्तिमान जूनियर जी रंगोली के भी दीवाने घने थे
छुई छुआ,लुकी छुपा,आंगनबाड़ी वाले दिन
पुरानी चप्पलों के बने पहियों की गाड़ी वाले दिन
काश लौट आएं फिर से वो बचपन वाले दिन