#KargilVijayDiwas राखी को बहुत बेसब्री से इंतज़ार है क्योंकि आज रक्षाबंधन का त्योंहार है अभी तक उसका फौजी भाई न आया है वह अपने भाई को कब से रही निहार है हर साल वो राखी पर नही आता है वो राखी को हरसाल बड़ा रुलाता है इसबार राखी का आंसू हुआ लाचार है क्योंकि आज रक्षाबंधन का त्योंहार है अब राखी की आंखे भी पथरा गई है, तेरा भाई अभी तक न आया कोई तार हैेे मेरे मन को अब बहुत डर सता रहा है, तिरंगे में लिपटा न आये कहीं इसबार है फिऱ दूसरा मन कहता ऐसा नही होगा, मेरा भाई तो बहादुर और समझदार है उसे न आना होता तो बोल जरूर देता, उसके बिना मेरा न होगा कोई संसार है राखी को बहुत ही बेसब्री से इंतज़ार है अब आ भी जा आंसू हुए दरिया पार है मेरे भाई जहां भी रहे तू वहां खुश रहे, यही मेरा होगा सबसे अच्छा उपहार है भले ही में तेरी कलाई पर न बंध सकू, भले ही में बिना पानी पिये हुए ही रहूं, तू सदा सलामत रहना,चिरंजीवी रहना राखी का यही होगा कोहिनूर हार है दिल से विजय राखी का इंतज़ार