देकर दर्द मुझे मुस्कुरानें लगें हैं। छोड़ के हाथ मेरा,दूर जाने लगें हैं।। खिलाये थे प्यार के फूल दिल में मेरे, बिन माली के वो फूल मुरझाने लगें हैं। पहली नज़र में जिसे अपना समझा, इतने बरसों बाद भी वो बेगाने लगें हैं। गुजरती थी रातें बाँहों में उसकी, गुजरे लम्हें बहुत याद आने लगें हैं। "अर्चना"मिली है किस बात की सजा, हँसाते थे जो कभी अब रुलाने लगें हैं। #quotes #poem #stories #shayari