हास्य कविता प्रेमी के मन की बात पढ़कर प्रेमिका बोली चलो खेले आंख मिचोली,,, छुप गयी झुरमुट के पीछे वह भोली प्रेमी शरारती अंदाज में करें हंसी ठिठोली,,, तुम मनचली छिछोरी ना मेरी हमजोली पेड़ के नीचे बैठ शांति से किताब खोली,,,