कोई किसी के साथ है तो कोई किसी के खिलाफ है किसी को किसी के ऊपर अटूट विश्वास है ये जो भी सिर्फ वक्त - वक्त की बात है ऐसा कुछ भी नहीं होता है आज है जो नहीं है उस कमी की बात है इश्क क्या है बेबसी क्या है इन सबसे हूं मै वाक़िफ ये जो कुछ भी सिर्फ चंद लम्हों की मुलाकात है इक हसीन शाम मे तुम्हरे द्वारा देखा गया कभी ना पुरा होने वाला आधा - आधूरा महताब है ©Sandeep Rahbraa कोई किसी के साथ है तो कोई किसी के खिलाफ है किसी को किसी के ऊपर अटूट विश्वास है ये जो भी सिर्फ वक्त - वक्त की बात है ऐसा कुछ भी नहीं होता है आज है जो नहीं है उस कमी की बात है इश्क क्या है बेबसी क्या है इन सबसे हूं मै वाक़िफ