घर पहुंचते पहुंचते दिन ढ़ल गया ना जाने कौन सी गली में ज़िन्दगी की शाम हो गई घर हमारा ही होता है लेकिन यहाँ तक पहुँचना भी हमारे लिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि घर पर हमारा शरीर तो पहुँच जाता है, मन बाहर ही भटकता रहता है। #घरपहुँचते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #bestyqhindiquotes #yqbesthindiquotes #yqhindi #aprichit Collaborating with YourQuote Didi