रसानुभूति है साहित्य का यही दर्पण, भाये मुझे जीवन करूँ मैं अर्पण, सर्वप्रथम शिक्षिका है, यही सु-वाचिका है, सु-लभ्य,सर्वश्रेष्ठ, सर्वप्रिय, हिंदी, ही मन के, भाव उत्पन करे, दिल के तार भी इसमें, मनोरम व सहजता से बजते, यही है मेरी पहचान, यही गौरवगान, देवनागरी लिपि,यही हिंदुस्तान की पहचान। नमस्ते दोस्तों । हमारा सातवाँ चैलेंज कुछ इस प्रकार है। इस चैलेंज के लिए आपको एक कविता लिखनी है जो की रेत की घडी (hourglass) के आकार की होनी चाहिए । इस चैलेंज के नियम इस प्रकार हैं- -कविता न्यूनतम 6 पंक्ति और अधिकतम 16 पंक्ति की हो सकती है। - आपको यह चैलेंज 24 घंटे के अंदर पूरा करना है। - आप अधिक से अधिक 3 प्रयास कर सकते है। ( 3 entries for one challenge)