मुझे खुले कागज़ों पर लिखना पसंद है नाकि किसी बंधी रूल्ड डायरी पर जहा लकीरों की बंदिशे होती है और झूठी सजावट की जरूरत भी। बिलकुल हमारे रिश्ते की तरह ही मेरी मर्म कविताओं का दम भी घुटने लगता है, वो मरने लगती है ऊपरी दिखावट के दबाव से। मैं नहीं चाहती मेरी कविताओं को भी, कोई बांध दे जबरन एक में बल्कि स्वतंत्र भाव से लिखित ये काव्य आप ही जुड़ जाए प्रेम के लेई से मैं स्वयं संजोउ हर एक पन्ना और अपने प्रेम से संचित करू एक स्वतंत्र सुलझी डायरी। स्वतंत्र डायरी #कालजयी_श्रुति #हिंदी #yqbaba #YQdidi #डायरी