YAO GOD, है ये मेरी प्रार्थना तुझसे, देता जा वो बल वो शक्ति मुझे, चढ़ सकू हर चढ़ाई और हों न जाऊ जुदा मैं तुझसे, तुझसे बेहतर भला कौन जानता कि मेरे कदम कभी पीछे न हटे, किया मैंने हर परिस्थिति का मुकाबला चाहे कितना भी कुछ खोना पड़े, जब मौत खड़ी थी सामने तो बिना थके दर पर काबू कर लड़ा अपने से, किस्मत बन गया जैसे अखाड़ा पर शिकायत कभी की न तुझसे, शिकायत करना और हार मानना मेरे बस की बात नहीं, या तो लड़ जाना, भिड़ जाना, या अपना रास्ता खोजते हुए, मर जाना, अपनी किस्मत अपने खून पसीने और जोश से लिख जाना, इसके अलावा कुछ और आता नहीं मुझे, अपनी जिंदगी के हर पन्ने पर किया मैंने याद तुझे, लोग कहते हैं तू नहीं है, बहुत से लोगों ने नकारा तुझे, बहुत से लोगों ने करी भरपूर कोशिश मुझे तुझसे, अलग करने की, आज भी करने की कोशिश में लगे, पर इनके अंधकार में तेरा चिराग जलाए रखा मैंने, चाहे खुद की चमड़ी को ही तपा तेल बना दिया जलाए रखा मैंने, मेरा सर्वस्व न्यौछावर तुझपर, तेरे करिश्मों की मिसाल मैंने, करी बयान अपनी कला के जरिए, इसी दरमायन पाया मैंने, खुद को, मेरी सच्चाई और कला की दो तलवारे निकल आईं, बाहर छोड़ अपनी मयान, इस दो धारी तलवार सी दुनिया से, अब लगता नहीं दर मुझे, मेरी जिंदगी तेरे नाम, और मेरा वजूद सेवाभाव से सना, तान मैंने अपना सीना, आज जिंदगी का मकसद, साफ दिखने लगा मुझे, अब तेरा ये अंश न रुकेगा न झुकेगा, अपनी कला के माध्यम से जिंदगिया बदलने निकल चला मैं, दे आशीर्वाद मुझे, ©Akhil Kael #Manmarziyaan