बहुत हुई खामोशी... अब तुम मिल जाओ ना, दबे पड़े है जो जज्बात... उन्हें फिर जगाओ ना, ढूंढ रहे है जिस मंजिल को... रास्ता उसका तुम बन जाओ ना, रूह से ना सही... परछाई से मिल जाओ ना, अधूरी ना रह जाये ये दिल की ख्वाहिश... बस अब तुम मिल जाओ ना।। "तुम मिल जाओ ना"