जिंदगी मन को भाती नही सपनो वाला एक शहर जो अभी बसा नही..! दिल ए बहार बिन मौसम की बरसात, जो कुदरत मै समाई है! मन,वो चांद तारो वाली बात जो रातो मै समाई है! चेहरा मन का जो हिजाब ओढे बैठा है! शांत ओर चंचल मन भी उदासीन हो जाता है! गलतियाअनजाने मै हो जाती है ! ओर लोटते वक्त खाली हात बहोत कुछ बता जाते हैं! रिस्तो संभालने का हूनर सिखा जाते हैं! पता नहीं किसके मन में क्या है! अपना तो चंचल होता है, जमाने को देखकर कभी कभी वो भी बदल जाया करता हैं..! #NojotoQuote #jindagi aur man