तुझे देखने की आरज़ू ही बहुत है बस थोड़ी-सी गुफ्तगू ही बहुत है कब ये सोचा की तुझे छू भी सके बस थोड़ी देर रूबरू ही बहुत है. सारे जहाँ का क्या मुझे करना सारे जहाँ में एक तू ही बहुत है कब ये चाहा मिले पज़ीराई मुझे इश्क़ में दिल की आबरू ही बहुत है. #yqbaba #YQDidi #yqbhaijan #आरज़ू #गुफ्तगू (Spiritual meaning of 'pazerai' - separation)