मेरे हाथों से तुम दूर सही, तुम ख़ुद से ही मजबूर सही। जीवन की आपाधापी में, तुम बेहद से मशरूफ सही। इक प्रणय निवेदन करती हूं, तुम चाहो तो स्वीकार करो। मेरे इस हृदय संवेदना का, बस यू ही अंगीकार करो। जीवन के अंतिम संगम पर, वो प्रेम वचन निभा जाना। मैं राह निरंतर देखूंगी, तुम आ जाना, तुम आ जाना।। ~शिवानी सिंह~ ©Shivani SHIVYA #merekhyal #SunSet