मेरी दहलीज पर, हाथ में मशाल लिये खड़े थे सब,
पूछने पर पता चला, मुझे आज मारने आये थे सब,
रोती हुई माँ पूछ रही थी, क्यो बदल गये हो तुम सब,
हरबंश के साथ, बचपन से तूम खेलते आये हो सब,
1984 में, सिख लाल लहू से सड़के रंग दी गई थी,
देश के नाम पर, हमारा कत्ल हो रहा था, #कहानी#बागी#nojotovideo#बेहतरीन#हवाबदलीसीहै#विद्रोही#KalaKashOpenMicDay3