मुझे छोड़ के जाना ही था किसी और के पास।। यू तोहमत ना लगाते मेरी किसी और के साथ।। हमे बे आबरु करके तुम आब्रुदार बन गए।। खुदा करे जैसी आबरू कमाई वेसी आबरू वाला तुम्हे मिले।। ।।हाजी इम्तियाज।। आबरू