"वो एहसासात हर्फ़ों में सिफ़र हैं, जो गुहर-ए-निगाह बोलते हैं। हम तो फ़क़ीर-ए-इश्क़ हैं साक़ी, लबों से बस इबादत बोलते हैं।।" ©shaifali thewriter इबादत #इश्क़ #इबादत #एहसास