White दुनिया माया जाल है, सच बस है हरि नाम। जिसे समझना ही नहीं, माया ही परिणाम।। 'शौक' पठन-पाठन कहीं, पढ़ने का न उपाय। जिसे समझना ही नहीं, गुरु भी उसे पढ़ाया।। जाग सके यदि सोय तो, कुंभकरण किन कोय। जागे कैसे जान जो, ऑंखें भींचे होय।। जीवन करम का फेर है, सुख-दुख हैं परिणाम। समझे अब हित मानते , बाकी खट्टे आम।। ©Shiv Narayan Saxena #good_night जिसे समझना ही नहीं hindi poetry