"ये रातें" रात का वक़्त और ये काली घटा, हसीं मौसम है और ये ठंडी हवा। बादलों की गर-गराहट है तो,बिजलियों की चम-चमाहट। खामोश मौसम है और ये तन्हा दिल, बयाँ करे,हर एक पल वो साथ गुजरे दिन। ये चाय की खुशबु याद दिलाये,वो तेरी इत्र की सुगंध, जिसे रखता तू हर-पल अपने संग। न जाने,ये आँखे करेंगीं भी तेरा दीदार या उससे पहले छोड़ेगी ये संसार। 'हाल-ए-दिल',क्या बताऊँ तुझे, 'दर्द-ए-दिल',तेरे बिना जीना कोई जीना नहीं, इस दिल की खुव्वाहिश है तू,तू मेरी सिर्फ आरजू नहीं,मेरी पूजा है तू।। N. Gupta ##ये रातें##