वो इश्क़ वाली धुन इश्क़ की चादर ओढ़े वो अजनबी कुछ गुनगुना रहे थे। धुन भी मोहब्बत वाली बज रही थी जैसे वो आपस में सुना रहे थे। यूँ तो आज बात लहजे से लिबाज़ तक जा पहुँची थी। कुछ तान कानों को भी लग रही थी जैसे वो आपस में सुना रहे थे। अरसे बाद कुछ जड़ें नये किनारों से मेल खा रही थी कुछ कोपलें भी खिल रही थी जैसे वो आपस में सुना रहे थे। यूँ तो तोड़कर वो दामन को भी एक किस्सा गा रहे थे। कहानी भी ऐसी सुलझी सी थी जैसे वो आपस में सुना रहे थे। यूँ तो अक़्सर बात लबों से टकरा कर ही लौट जाती है। जब आते हैं वो अजनबी शाम भी ढलने से कतराती है। #nojotohindi #love #shayri #gajal #sambhavjainquotes #nojotians #wod #ctl #life #nojotopoetry #nojotoshayri #tourdelhi #OpenPoetry #wordswag #wordsofwisdom #writeaway