तुम्हें देखने की मेरी हसरत नहीं जाएगी। कितना भी देख लूँ, ये किल्लत नहीं जाएगी। जिसका ख़ौफ था मुझे आख़िर वो ही हुआ है। तुम चले जाओगे मगर तुम्हारी आदत नहीं जाएगी। आईने का कुसूर नहीं है जो तुम नज़र आते हो। आँखों के रहते मेरी ये दिक्कत नहीं जाएगी। मेरे होंठों पर तुम्हारे होंठों का ज़ायका रह गया है। कुछ भी चख लूँ मैं अब ये लज़्ज़त नहीं जाएगी। दिल में रखा है मैंने, तुम्हें साँसों में बसाया है। हिज्र आए या मौत आए, तुम्हारी वसलत नहीं जाएगी। #love #shayari #urdu #hindi