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यार तेरी और मेरी दोस्ती कितनी अच्छी थी ना चोट मुझे

यार तेरी और मेरी दोस्ती कितनी अच्छी थी ना चोट मुझे लगती थी रोने तू लगती थी । डाट स्कूल मे जब मुझे पड़ती थी इल्ज़ाम तू अपने सर लेती थी। भूख दोनो को लगती थी लेकिन टिफिन एक होता था इसलिए सारा खाना तू मुझे अपने हाथो से खिलाती थी। लेकिन न जाने किसकी नज़र लग गई हमारी दोस्ती को हम दोनो हमेशा के लिए बिछड़ गए और मिलना भी चाहा तो मिल न सके। for my best friend Astha singh.

©Bandna Ji #friendshipforevere
यार तेरी और मेरी दोस्ती कितनी अच्छी थी ना चोट मुझे लगती थी रोने तू लगती थी । डाट स्कूल मे जब मुझे पड़ती थी इल्ज़ाम तू अपने सर लेती थी। भूख दोनो को लगती थी लेकिन टिफिन एक होता था इसलिए सारा खाना तू मुझे अपने हाथो से खिलाती थी। लेकिन न जाने किसकी नज़र लग गई हमारी दोस्ती को हम दोनो हमेशा के लिए बिछड़ गए और मिलना भी चाहा तो मिल न सके। for my best friend Astha singh.

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Bandna Ji

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