घर अगर अपने शीशों के हो ना तो हवा में पत्थर नहीं उछाला करते, नियतें गर अपनी भी खराब हो, तो दूसरों को ताना नहीं, मारा करते, ओर ये कोन हैं जो मुझे हराने की बात करते हैं, इन्हे कैह दो हम महोब्बत में हारे हुए इनसान हैं, ओर महोब्बत में हारे हुए कभी हारा नहीं करते, ©RK writter my poetry #shayar #zalimshayar #rajat #gaon