वर्षाएँ ठहरती हैं फ़िर शुरू होती हैं, ठहरती हैं फ़िर शुरू होती हैं, ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ... घर चला जाता हूँ बालकनी में बैठ जाता हूँ, गिरती बूँदों पर नज़रें रखकर गिनता रहता हूँ, तब तक कि जब तक नहीं रुकती, ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ... आसमान काला हो जाता है, घने पेड़ों की ओट में छाया अँधेरा, पेड़ों की सहमायी और पत्तों से गिरती बूंदों का कारण ढूंढता हूँ, बहती सारी इच्छाएँ, और नहीं रुकती ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ... फ़िर देखता हूँ बहती छोटी छोटी सरिताएँ जो अपनी पगडंडियों को नहलाती हुई आगे दौड़ जाती हैं, तब तक कि जब तक, नहीं रुकती, ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ... अचानक आँख़ें धोखा देकर चली जाती हैं मक़ानों की दीवारों पर, अश्रुओं सा बहता पानी तब तक नहीं रुकता कि जब तक नहीं रुकती, ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ। Khetdan charan #shayari #quotes #hindi #love #mansoon #barish #alone