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एक मे अकेला था, उसने हाथ थामा था... मंजिले भी उस

एक मे अकेला था,
उसने हाथ थामा  था...

मंजिले भी उसकी थी,
रास्ता भी उसका था..।

साथ साथ चलने की 
सोच भी उसकी थी,
फिर रास्ता बदलने का
फैसला भी उसका था...

आज क्यों अकेला हूं 
दिल ऐ सवाल करता है...

लोग तो उसके थे ही,क्या खुदा
भी उसका था ? #promis day spaical
एक मे अकेला था,
उसने हाथ थामा  था...

मंजिले भी उसकी थी,
रास्ता भी उसका था..।

साथ साथ चलने की 
सोच भी उसकी थी,
फिर रास्ता बदलने का
फैसला भी उसका था...

आज क्यों अकेला हूं 
दिल ऐ सवाल करता है...

लोग तो उसके थे ही,क्या खुदा
भी उसका था ? #promis day spaical
ranjitkrverma1060

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