माँ के लिए चाय का तैयार होना मुद्दतो बाद आज माँ के लिए चाय बनाई मेने ,मुद्दतो बाद माँ के लिए चाय बनाई मेने चाय भी खुशी से ज़ूम उठी अरे चाय भी खुशी से जूम उठी और मुझे इशारो में बोली जरा ठहर तू जल्दबाजी न कर माँ के लिए मुजे थोड़ा सजने ओर सँवरने दे तू इतनी जल्दबाजी न कर थोड़ा तैयार कर लूं में खुद को थोड़ा रोज से बेहतरिन कर लूं आज माँ के पास जाना है तो , देखो तो सही शर्म से लाल लाल हो गयी ओर कप में जाने से पहले खुद को कितना सजाया ओर सवारा फिर जाकर बोली ले चल मुजे माँ के पास तैयार हूं माँ के पास जाने के लिए चाय का माँ के लिए सजना ओर सवरना