कल सारी रात बैठ कर .. मैंने उसे एक खत लिखा.. दिल में जो था वो लफ्ज़ लफ्ज़ लिखा... वो अनकहा मेरा हर अल्फ़ाज़ लिखा.. शिकवा बेचैनी उलफत कश्मकश लिखा .. उस से ना मिल पाने का दर्द लिखा... अरसे से जो किए जाने वाला इंतज़ार लिखा .. बस रह गया तो सिर्फ और सिर्फ उसका पता .. जो बरसों से मुझे नहीं पता ... बस वो ही ना लिखा .. बाकी सब लिखा.. मैंने उसे एक खत लिखा.. ...तृप्ति #बिरहन