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आशिक़ था मेरे अंदर कुछ साल पहले गुज़र गया, अब कोई शा

आशिक़ था मेरे अंदर
कुछ साल पहले गुज़र गया,
अब कोई शायर सा है 
अज़ीब-अज़ीब सी बातें करता है। #शायरी #आशिक़ी #Open_Poetry
आशिक़ था मेरे अंदर
कुछ साल पहले गुज़र गया,
अब कोई शायर सा है 
अज़ीब-अज़ीब सी बातें करता है। #शायरी #आशिक़ी #Open_Poetry
ankityadav1359

Ankit Yadav

New Creator