घातक सिद्ध होगा मुफ्तखोरी की राजनीति शीर्षक से लेख में अपने आलेख में संजीव मंत्री ने कहा है कि हाल ही में कुछ राज्यों में यह होड़ शुरू हो गई कि कौन कितने खैरात बढ़ सकता है लिहाज देर सवेरे भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ेगा लेखक ने अपनी बात समझाने के लिए श्रीलंका के वर्तमान स्थिति का सहारा लिया लुक्का भावना राजनीति के चक्कर में पड़कर कैसे उसकी ओर से व्यवस्था बहाल कर दी गई है वास्तव में कई राज्य अपने नागरिकों को को सुविधा देने के लिए आर्थिक रूप से तबाही नहीं होता वह बदल होता है भ्रष्टाचार अपनी वित्तीय प्रबंधन से यह राज्य खर्चा के साथ अपनी आय भी जाएगा तो समाज के एक ओर जाने वाली सब्सिडी कभी भी उस पर नहीं सकते पंजाब और बंगाल जैसे राज्यों में अतिथि में यह गलती की गई उनमें राज्य उद्योग धंधे बढ़ाने के रोजगार पैदा करने पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया इससे राज्य और वहां के लोगों की वित्तीय क्षमता प्रभावित हुई लिहाज राज्य की आय भी कम होती गई परिणाम अपनी जरूरत पूरी करनी पड़ी जो कि आज बन गया है ऐसे में जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा खड़ा करने पर ध्यान दे बंगाल की ममता सरकार को इसका ©Ek villain #आय का जरिया बढ़ाए राज्य #EarthDay