न जिद है न गुरूर है हमें, बस तुम्हें पाने का सुरूर है हमें, इश्क गुनाह हैं तो गुनाह ही सही.. सजा जो भी हो मंजूर है हमे.!! तुम्हें पाने का सुरूर हैं हमें..