Rishte Mein Toh Hum Tumhare कुछ टूट रहा है अंदर सम्भालो तो जरा। एक दिल है मेरे पास वही टूटा है मेरा। अपनों से कुछ उम्मीद लगाई जो थी। तार तार बिखरा है अस्तित्व मेरा। गिरा जो मां सम्मान सम्भल नही पाया। सिसका है आंसुओ का भी कतरा। उलझ गई थी जो झूठे रिश्तों में। ठोकर जो लगी तो सम्भला न वजूद मेरा। - नेहा शर्मा ऐसा भी होता है।