नियमों का उल्लंघन (चिंतन) {अनुशीर्षक में पढ़े} नियम हमारी सुविधा के लिए बने होते हैं। कार्य के पूर्ण होने के लिए नियमों का होना अति आवश्यक हैं। वस्तुतः हम सभी को नियमों के बंधन अच्छे नहीं लगते हैं ।हम नियमों से परे स्वतन्त्र होकर कार्य करना चाहते हैं । यदि हम इस बारे में विचार करें कि बिना नियमों के क्या ? हम जीवन आसानी से जी सकते हैं ? तो कुछ का विचार होगा हाँ और कुछ का ना होगा। एक उदाहरण से हम समझते हैं :_ यदि यातायात के लिए कोई नियम ना हो तो हम अपना दैनिक कार्य बिना बाधा के कर सकते हैं ? यदि यातायात नियमों से बंधा ना होगा तो हम अपना जीवन भी गवां सकते हैं । नियमों का उल्लंघन सिर्फ हमें हानि देता है लाभ की तो कुछ संभावना ही नहीं है । और यह हानि इतनी बड़ी हो सकती है? शायद जिसकी हम जिंदगीभर भरपाई नहीं कर पायें। किसी भी कार्य को करने से पहले उसके सकारात्मक और नकारात्मक तत्वों का अध्ययन जरूरी है । नियम हमारी स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं है, अपितु हमारे जीवन को सार्थक बनाने के लिए अति आवश्यक है।