वक़्त से पहले चरागों को जलाते क्यूँ हो ऐसी तस्वीर जमाने को दिखाते क्यूँ हो मुझसे मिलने के लिये आते हो आओ लेकिन मुझे भूले हुए दिन याद दिलाते क्यूँ हो ले के उड़ जाएंगी उसको भी वफ़ाएं अब के अपनी तस्वीर से दीवार सजाते क्यूँ हो फूल बन जाते हैं पत्थर भी कदमों के नीचे फिर मेरी राहों में काँटों को बिछाते क्यूँ हो रवि तुमको ये दुनिया उदासी के सिवा क्या देगी बेवफ़ा लोगों से दिल अपना लगाते क्यूँ हो ©Ravi Gupta RT क्यों हो ।