आज तुम पर बहुत प्यार आया है। थोड़ा बहुत नहीं बेशुमार आया है। तेरी ख़ुश्बू से साँसें महक़ उठी हैं ! हवाओं में घुलके तू यार आया है। मुद्दतों से तेरा मुझको इंतज़ार था। चाहत में तेरी दिल ये बेक़रार था। ये निग़ाहें मेरी तेरी तलबगार थीं ! जो देखा तुझे तो क़रार आया है । रातें मेरी जागती ही रहीं! दिन तड़पते रहे पल सिमटते रहे। ज़िन्दगी की ख़ुशी जैसे थी ही नहीं! तेरे बिन रौशनी तो मिली ही नहीं। तुम मिले धड़कनें गुनगुनाने लगीं- पलकों को अब आराम आया है। ♥️ Challenge-652 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।