खामोशी का अपना मज़ा है, लब्ज को ये पहरा नहीं देखा जाता, तेरी आँखों पर काजल की गिरफ्त तो ठीक थी, ये आंसूओ का पहरा नहीं देखा जाता, अपने हिस्से की खुशियां मैं लुटा दूँ तुझपर, तेरा उतरा हुआ चेहरा नहीं देखा जाता। 🙂🙂🙂 #bh