रूबरू ग़र नही तो क्या हम रहते हर महफिल में है आजमानी है हमें कुछ दुश्मनो की ताकते। ताकि बतला सके उन्हे हम रहते हर इक दिल में है। #रामप्रसाद बिस्मिल