खिलकर तुझे बाग सजाना है किसी घर आंगन को महकाना है, तेरे बिना आराधना,असंभव तेरे बिना स्वागत अधूरा, तेरे बिना क्या जन्मोत्सव, तेरे बिना क्या अंतिम यात्रा, तेरे बिना श्रृंगार अधूरा, तेरे बिना सूनी सेज, हर जगह तेरा ही जलवा हे पुष्प तू हर घर की शान है अपनी आहुति देकर सजाती है सबको, तुझको पथिक का कोटि कोटि प्रणाम है ©पथिक #phool #sajda