मेरे मकसदों को अब कोई मुकाम मिलना चाहिए बेनाम हूँ अरसे से अब कोई नाम मिलना चाहिए राहों के कांटे पांव से गले थक हैं आ पहुंचे इन कांटों के पर अब कोई गुलाब खिलना चाहिए हिलीं पत्तों-सी दीवारें कयी सुन कर के राज मेरे है कोशिशें की अब कोई पर्वत हिलना चाहिए और बहुत भटके दर-ब-दर तन्हा तन्हा हम है ख्वाहिश अब कोई हमसफर मिलना चाहिए #Night #Motivation #Nojoto #nojotohindi #Poetry #Shayari #Life #ishq #akshaypoetry