#OpenPoetry आँसू महोब्बत वाला अखियों ने ऐसा निकला आँसू ने लेली मेरी जान हाए रे में कितना परेशान पीछे पड़ा हु उनके अभी न मिली मुझे अब कैसे पटालू मेरे यार हाय रे में कितना परेशान प्यार करता हु तुझसे जान से भी ज्यादा सनम नही दूंगा तुझको धोखा मेरे उस प्यार की कसम बड़ा खुश्बू वाला हाथो में गुलाब लेके अब कैसे करू में इज़हार हाय रे में कितना परेशान कवि चिन्तन की गाथा सुनले तू मेरे यारा तू मेरे प्यार को ठुकराकरा दे अब तो में मरने चला... अब तो बचाले मेरी जान हाय रे में कितना परेशान #कवि चिन्तन कोठारी