Nojoto: Largest Storytelling Platform

लौ जलाता हूं मैं ..नाम ही कुछ ऐसा पाया.. सूरज की ग

लौ जलाता हूं मैं ..नाम ही कुछ ऐसा पाया..
सूरज की गर्मी से कई दीप मैं जलाया आया..
मुझे ऐतबार है खुदा तेरी रेहमतो पे बेपनाह..
इसलिए तो संदीप ने भी नाम ज़िंदादिल कमा लाया..

मेरी छोटी सी ही तो इक कहानी हैं..
दुनिया के नज़रों में जो अक्सर बेईमानी हैं..
इश्क़ की तलब थी बचपन से मुझको..
कहते रहे लोग मुझे .."संभल जा ये तेरी नादानी हैं"..

कब मैंने कुछ भी कभी तुरंत पाया..
ना जाने फिर भी है किसका मूझपे बुलंद साया..
जीवन की इस दौड़ में मैं सदा धीरे ही चला..
तभी तो जा कर मैं अपना सिकंदर खुद बन आया..

आज रोज़ी रोटी की कोई हवस नहीं..
मिलता हूं सबसे ..दिल में कोई असमंजस नहीं..
मेरी नाकामियों का सदा है बोध मुझे ..
इसलिए तो ज़िंदादिल ही बना ...कोई स्ववस नहीं.. ज़िंदादिल हूं.. स्ववश(selfish) नहीं
लौ जलाता हूं मैं ..नाम ही कुछ ऐसा पाया..
सूरज की गर्मी से कई दीप मैं जलाया आया..
मुझे ऐतबार है खुदा तेरी रेहमतो पे बेपनाह..
इसलिए तो संदीप ने भी नाम ज़िंदादिल कमा लाया..

मेरी छोटी सी ही तो इक कहानी हैं..
दुनिया के नज़रों में जो अक्सर बेईमानी हैं..
इश्क़ की तलब थी बचपन से मुझको..
कहते रहे लोग मुझे .."संभल जा ये तेरी नादानी हैं"..

कब मैंने कुछ भी कभी तुरंत पाया..
ना जाने फिर भी है किसका मूझपे बुलंद साया..
जीवन की इस दौड़ में मैं सदा धीरे ही चला..
तभी तो जा कर मैं अपना सिकंदर खुद बन आया..

आज रोज़ी रोटी की कोई हवस नहीं..
मिलता हूं सबसे ..दिल में कोई असमंजस नहीं..
मेरी नाकामियों का सदा है बोध मुझे ..
इसलिए तो ज़िंदादिल ही बना ...कोई स्ववस नहीं.. ज़िंदादिल हूं.. स्ववश(selfish) नहीं