गुज़ारिश है ज़िदगी से इम्तेहान बहुत ले चुकी है अब जीने दे थोड़ा मुझे रात-दिन भागती रही मैं अब थोड़ा आराम चाहिए मुझे बहुत रही अकेली अब तक अब साथ किसी का चाहिए मुझे जो ना मिला अपनापन मुझे वो प्यार-दुलार अब चाहिए मुझे दूर तक जाती राह मे एक स्थायी ठिकाना चाहिए मुझे सुप्रभात। ज़िन्दगी से गुज़ारिश है, ख़ुद को पाऊँ, बस इतनी कोशिश है... #गुज़ारिशहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi