Nojoto: Largest Storytelling Platform

ओंस की बूँद चेहरे पर पड़ रही थी। भोर हो गई थी और रो

ओंस की बूँद चेहरे पर पड़ रही थी। भोर हो गई थी और रोज़ की तरह मैं आज भी जल्दी ही उठ गया था
 उठ कर हाथ मुँह धोये और स्टेडियम के लिए निकल गया।
शायद आज थोड़ा जल्दी आ गया था क्योंकि अभी अँधेरा भी था
 और औंस पड़ रही थी स्टेडियम की घास अभी बहुत गीली थी।
मैं अभी अकेला ही वँहा था ... नही नही शायद कोई और भी है
मुझसे कुछ दूर बेंच पर कोई शख्स आसमान की तरफ अपना चेहरा किय
 और आँखे बंद,कानो पर हैडफ़ोन लगाये बैठा है। 
औंस की बुँदे उसके चेहरे पर पड़ रही थी 
मानो वो औंस की बूंदों का एहसास कर रहा हो।
मैं उसकी पहचान करता हुआ उसके पास तक ही पंहुचा था 
कि मैं रुक गया..दिल जोरो से धड़क रहा था ..धक धक...धक धक...
क्योंकि ये वही थी जिसके लिए मैं स्टेडियम आता हूँ।
रोज उसके चेहरे पर पसीने की बुँदे देखता हूं,
और आज औंस की बुँदे उसके चेहरे पर देख रहा था।
मैंने आज तक उससे बाते नही की थी,
क्योंकि हमेशा उसके दोस्त साथ रहते थे।
आज मौका था कि उससे बात की जाये..
लेकिन तब तक उसके दोस्त आ गए थे.... औंस की बुँदे!
#औंस #hamariadhurikahani #CTL #merikahani #love #life #ehsaas #feelings #mrpro #mrperry
ओंस की बूँद चेहरे पर पड़ रही थी। भोर हो गई थी और रोज़ की तरह मैं आज भी जल्दी ही उठ गया था
 उठ कर हाथ मुँह धोये और स्टेडियम के लिए निकल गया।
शायद आज थोड़ा जल्दी आ गया था क्योंकि अभी अँधेरा भी था
 और औंस पड़ रही थी स्टेडियम की घास अभी बहुत गीली थी।
मैं अभी अकेला ही वँहा था ... नही नही शायद कोई और भी है
मुझसे कुछ दूर बेंच पर कोई शख्स आसमान की तरफ अपना चेहरा किय
 और आँखे बंद,कानो पर हैडफ़ोन लगाये बैठा है। 
औंस की बुँदे उसके चेहरे पर पड़ रही थी 
मानो वो औंस की बूंदों का एहसास कर रहा हो।
मैं उसकी पहचान करता हुआ उसके पास तक ही पंहुचा था 
कि मैं रुक गया..दिल जोरो से धड़क रहा था ..धक धक...धक धक...
क्योंकि ये वही थी जिसके लिए मैं स्टेडियम आता हूँ।
रोज उसके चेहरे पर पसीने की बुँदे देखता हूं,
और आज औंस की बुँदे उसके चेहरे पर देख रहा था।
मैंने आज तक उससे बाते नही की थी,
क्योंकि हमेशा उसके दोस्त साथ रहते थे।
आज मौका था कि उससे बात की जाये..
लेकिन तब तक उसके दोस्त आ गए थे.... औंस की बुँदे!
#औंस #hamariadhurikahani #CTL #merikahani #love #life #ehsaas #feelings #mrpro #mrperry