होठों से लिखा था तुमने यों तो वो ख़त ख़ामोश था पढ़ लिया था बंद आँखों ने तब से इन्हें न होश था दिल के दराज़ में ख़्याल से रखा उसे उस रोज़ था आती-जाती धड़कनों में मजमून सोज़ो-शोख़ था जब छुआ तब ताज़ा बोसा-ए-इमरोज़ था बहरहाल! ख़्वाब वो ज़मीनदोज़ था #toyou #yqletter #yqabstract #yqfeelings #yqimagination #yqlove #yqfate