यह स्वागत योग्य के एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना से देश के 35 राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश जोड़ा गया अब केवल आशंका इस योजना में शामिल होना शेष है आशा है कि स्थानीय और विदेशी लोगों को नागरिकता की निर्धारण होने के साथ ही वह जनकल्याण की उपयोगी योजना से जुड़ जाएं और उसी के साथ यह पहल पूरी तौर पर सरकार हो जाएगी यह योजना कितनी उपयोगी है इससे समझा जा सकता है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का डिजिटल करण होने से करीब 19 करोड़ अपात्र लोगों को चिन्हित करने में मदद मिली इसके चलते बाजारों को भ्रष्टाचार जाते थे इस योजना से सबसे अधिक लाभ उन मजदूरों को मिल रहा है जो अपने राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य में रोजगार के लिए जाते रहते हैं कहीं पर भी राशन हासिल नहीं कर सकते हैं अच्छा होता है कि गरीबों को राहत और सुविधा देने के लिए 7 बटा चार पर भी लगाम लगा इस योजना में सभी प्रदेश शामिल होने के तथ्य हैं लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ जहां कुछ पढ़ाई का परिचय दिया वहीं दिल्ली बंगाल में शुरू की गई इस योजना को अपनाने से इंकार कर दिया यदि सुप्रीम कोर्ट सकती नहीं दिखाता तो शायद अभी भी नहीं करते रहते इसमें केवल राजनीतिक संकीर्णता कोही रिकी कांत कि नहीं किया बल्कि यह भी प्रकट किया कि गरीबों के हितैषी होने का दावा करने वाले दल के हितों की पूर्ति में बाधक बनते हैं एक योजना को दूर नहीं किया बल्कि केंद्र और राज्य मिलकर काम करें तो लोग कल्याण के साथ देश के विकास की देश में बेहतर ढंग से कार्य कर सकते हैं यह विचित्र है कि संगठन को सशक्त करने की जरूरत जनता वाले दल के खिलाफ काम देखते हैं जीएसटी लागू होने के बाद भी जब संघवाद के प्रति और अधिक सहयोग भाव दिखाई जाना चाहिए था तब तक कुछ अपना अलग-अलग रंग अलाप रहे थे ©Ek villain #केंद्र राज्य सहयोग #promiseday