बस यही सवाल बार बार घूमता है अंतकाल जब हे! हरि आए, माया का प्रकोप न छाए। विस्मृत न हो जाये छवि तेरी, कामना बस यही हो जाए पूरी। चाहे जितना लम्बा हो जीवन, स्मरण रहे तेरा हर पल हर क्षण। नाम दाम की इक्षा नहीं जग में, बस तेरा नाम बहे रग रग में। परोपकार के भाव हों मन में, परपीड़ा न हो किसी समय में। ऐसे हीं जब प्राण तजे हम, हे प्रभु!देना दर्श,न बनना निर्मम। बस यही सवाल बार बार घूमता है #अंतकाल जब हे! #हरि आए, #माया का #प्रकोप न छाए। #विस्मृत न हो जाये #छवि तेरी, #कामना बस यही हो जाए पूरी। चाहे जितना लम्बा हो #जीवन,