मेरी बहन बचपन से बो निराली थी, संस्कारो को ओढ़ बो,परिवार की रखवाली थी , गलती होने पर बो पूरा घर,सर पर उठा लेती थी , आज घर में उसकी कमी महसूस होती थी , दिवाली पर घर के आँगन,में सुंदर रांगोली उकेर देती थी , आज उसके न होने पर दिवाली,हमारी अधूरी होती थी , कभी काम उसे माँ तक,नहीं करने देती थी , लेकिन आज सुबह से शाम उसकी , ससुराल में काम करते करते होती थी , घर पर थी तो वह हमारी जिम्मेदारी थी , लेकिन आज बो ही अपने परिवार को, जिम्मेदार बनाती थी , हर गलती पर वह मुझे थोड़ा चिल्ला देती थी , लेकिन आज उसकी ही कमी मुझे बहुत खलती थी , जब वह रोती थी तो हम सबको भी रुला देती थी , उसे मनाते मनाते बो चिल्लाती थी , और फिर हमे हंसा देती थी , इतिहास में भी बहन एक अनोखी तस्वीर होती थी , जो माँ का द्वितीय स्वरूप प्रतीत होती थी #मेरी_बहन रोहित तिवारी ।