किसी के जाने से कुछ फर्क नहीं पड़ता किसी के जाने से दुनिया रूठ जाती है खो दिया हमने क्या नहीं बाक़ी कुछ नहीं वही हर तरफ़ से बड़ा खालीपन लाती है जिंदगी का नहीं भरोसा कब रुक जाए मगर यह तो है सांस उम्मीद जगाती है बेशक मुहब्बत जिंदा थी तो उसके नाम पे महफ़िल जिसके आख़िरी कलाम गाती है शामिल हो गया दिल आज से उसमें मेरा उदासी भी चलकर दिन ढले शाम पाती है #yqbaba #yqtales #yqshayari #shayari #shahbazwrites #Shahbaztauheed #passion4pearl #poetry