मानवता आज फिर हुई शर्मसार, रोज घर लौटने वाली बेटी घर लौट ना सकी इस बार। ज़िन्दगी कही रुक गई थी आगे बढ़ाने को आए मददगार। अंतरात्मा को डर लगा था कई बार। रोज घर लौटने वाली बेटी घर ना लौट सकी इस बार। उन्होंने नौचना शुरू किया शरीर को। पहले बलात्कार फिर जिंदा जलाकर हैवानियत का किया सरेआम इजहार। जगत मुरारी तेरी दुनिया में मच गया हाहाकर। रोज घर लौटने वाली बेटी घर लौट ना सकी इस बार # बेटी कब तक मारेगी ?