राहों पर चलते चलते, बच्चे ऊंघ जाते हैं. हाल कोई जो पूछे इनके गले रूंध जाते हैं. काम किए तो काम चला, अब काम नहीं तो किस काम के, व्यथा कोई न देखे, सारे आंखे मूंद जाते हैं. ये नींव की वो ईंट हैं, जो सदा दबे ही रहते हैं. हर क्षेत्रों के स्तम्भ इन्हीं नीवों पर खड़े रहते हैं. बस श्रमिक हैं इस बात से सबको सांप सूंघ जाते हैं. बुला लिया विदेशों से भी, क्योंकि वो पैसे वाले थे, गरीब हैं, इसलिए हमें सरकारें भी भूल जाते हैं. --Shwet #मजदूरों_को_घर_लेके_आओ... Subscribe on YouTube : https://www.youtube.com/channel/UCxyR05Ysv28GvJKYc-FAZyw Like on fb : https://www.facebook.com/shwetsrijan/ Follow on IG : @SunilShwet Follow on Twitter : @SunilShwet #SunilShwet #ShwetSrijan #MajdoorKyonMajboor #मजदूरों_को_घर_लेके_आओ #मजदूर #FridayThoughts #fridaymorning #FridayFeeling