लिखू क्या मैं ईन विपद परिस्थितियों मे, डर की जीत हो रहीं ही, और कहीं मौत की हाहाकार बेबस बैठे हैं लोग घर पर , अपनी अपनी लाश लेकर समय अपना खेल दिखा रहा है और प्रकृत्ति कर रहीं एक नए अध्याय की मांग | कुछ छन काले बादल है फ़िर कल नयी सुबह हैं रौनक होगा संसार फिर से हस्ते खेलते चेहरे सबके जीत फिरसे होगी खुद की होगी फिरसे नयी सुबह घबराना मत तुम बिल्कुल भी इस युद्ध के बाद भी एक नया अध्याय लिखा जाएगा एक नया अध्याय लिखा जाएगा || Ek naya adhyay